Hindus blindly follow western traditions of celebrating festivals and their birthdays. It happened due to lack of confidence in their culture and wisdom. It also made them practice non-Vedic traditions thereby doing rituals which are not prescribed by Vedas and which are not relative to nature and atmosphere. They tend to forget that we all are part of this massive system and we need to adhere to this cosmic arrangement while following the great path of Vedic texts – thereby leading a peaceful, prosperous and happy life.
Rather than being proud of our great heritage that helped mankind move ahead with the time – we feel ridiculously proud to get acquaint with western beliefs.
Hindus celebrate birthdays with western style, following english calendar – this is huge mistake as they are celebrating on wrong dates; on which they are not actually born. We will explain you why.
Read the article carefully – this is an eye opener for you and reveals you how foolish we all have become, it is presented in Hindi on the request of several users to compile important information in Rashtra Bhasha Hindi. Please do comment with your experience and observation after following the astrological and Vedic concept of birthday celebration.
Hindus Celebrate Wrong Birthdays (Hindi)
Index
अब हिन्दू अपना जन्मदिन कैसे मानते है ?
हम बेशर्मी से घटिया चलन को अपनाकर उसपे छदम गर्व महसूस करते है. उन चीज़ो पे जो नुकसानदेह है और हमारी थी भी नहीं और न होगी. आजकल प्रायः देखने में आता है की लोग आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यता में इतने खो गए की उन्हें यह पता ही नही की क्या ग़लत है और क्या सही.पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में हम अपनी संस्कृति, सभ्यता एवं मनोबल को इतना अधिक गिरा चुके हैं की उन्हें उठने में न जाने कितने युग बीत जायें कहा नहीं जा सकता।
प्रायः जन्मदिन बड़े ख़ुशी से मानते है खैर मानना भी चाहिए लेकिन मोमबत्ती जलाकर उसे फूंक मार कर बुझा देते है,केक को काट कर खिलाते है , उस रात्रि में जागरण के बदले प्रायः लोग मौज-मस्ती के साथ शराब और तामसिक भोजन करते है ये कहाँ का नियम है , इसलिए भारतीय पद्दति से जन्मदिन मनाये और अपने प्रियजनों को दीर्घायु बनाये ..हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए की विधाता ने जितनी आयु निर्धारित कर रखी है , धीरे -धीरे उसकी अवधि समाप्त हो रही है , इसलिए अपने धर्म का पालन और उसकी रक्षा करे |
हमारी इसी मानसिकता के चलते, भारत देश में अधर्मियों ने ९०० वर्षो तक राज किया, और ऐसी दयनीय स्थिति के लिए हम स्वयं दोषी है. अगर ज्ञान मिलने पर भी नहीं चेतेंगे तो कब जागेंगे ?
Hindu Tradition of Celebrating Birthday
भारतीय संस्कृति क्या सीखलाती है ?
क्या करे जन्मदिन वाली तिथि पर ध्यान देने योग्य बाते :-
1. जन्मदिन दिनांक के आधार पर मानते है तिथि के अनुसार नहीं, तिथि नुसार जन्मदिन मनाने से उस दिन हमारे सभी सूक्ष्म देह के द्वार आशीर्वाद हेतु खुल जाते हैं |पहला नियम ये है की सृष्टि के प्रारंभ काल से जिस तिथि का उदय हुआ वह तिथि तो अधिकतर लोगों को मालूम ही नहीं. इसलिए जन्म दिन तिथि के अनुसार मनाएं .
2. जन्मदिन में ध्यान, प्रात: बेला में उठकर इश्वर का ध्यान करना चाहिए ,
कराग्रे वस्ते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दःप्रभाते करदर्शनम्।।
अपने माता -पिता-गुरु और बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए, क्यों की आज सिर्फ आशीर्वाद और दुआ ही ऐसी महा-शक्ति है जो बड़े से बड़े संकट से निकल सकती है .
मातृदेवो भव। पितृदेवो भव,
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः।चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।।
“जो व्यक्ति माता-पिता एवं गुरूजनों को प्रणाम करते हैं और उनकी सेवा करते हैं उनकी आयु, विद्या, यश तथा बल – चार पदार्थ बढ़ते हैं।” – मनुः 2.121
3. अपने जन्मदिन के शुभावसर पर ईश्वर की आराधन पूजा और उनके चरणों में फल फूल, मिठाई, वस्त्र, दक्षिणा अर्पण कर सुख शांति और कष्टों से मुक्ति के लिए आशीर्वाद लेना चाहिए.
4. उस दिन हमे भगवान के चरणों में दीपक अवश्य जलाना चाहिएं. दीपक से अर्थ है की आने वाला समय हमारे लिए जीवन में खुशहाली और रोशनी ले कर आए.आधुनिक समाज में तो हम मोमबत्ती बुझा कर खुद ही अपने लिए राह में अंधेरा कर लेते है. अब आप खुद ही सोचे की आप को जीवन में खुशिया चाहिएं या अंधेरा.
5.इस दिन अपने दाहिने कलाई पर रक्षा मंत्र बोलकर कलावा बंधवाए , माथे पर सौभाग्य तिलक और अक्षत लगाये ,
6. इस दिन अपने घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान करना चाहिए . और इश्वर को लगाया हुआ प्रसाद लोगों में बाँटना चाहिए
जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन। जैसा पीयो पानी, वैसी होवे वाणी।।
7. अपने जन्मदिन की तिथि पर नदी के कनारे या धर्म स्थान में कोई शुभ पेड़ लगायें जैसे आम,नीम,आंवला, पीपल,बरगद आदि जैसे जैसे ये पेड़ बढेगा वैसे ही आप के जीवन में खुशिया आएगी और पर्यावरण के लिए भी ये शुभ है ..
8. गौ माता को अनाज, अन्न या रोटी खिलाये. ध्यान रखे देसी गाय हो जर्सी या भैस नहीं. गौ माता को श्रेष्ठ माना गया है – देव तुल्य – जिनमे ३३ कोटि देवताओ का वास है.
Hindu Custom of Celebrating Birthday
जन्म दिवस में भारतीय संस्कृति के अनुसार क्या न करे :
जन्मदिन को देर रात्रि में नहीं मनाना चाहिए. यह आप के लिए शुभ नहीं होता है.
आप सभी को इस बात को समझना चाहिए कि रात्रि का अर्थ अंधेरे से है और दिन का अर्थ रोशनी से. अतः जन्म दिन को रात्रि में मनाकर आप अपने जीवन में खुद ही अंधेरा करते है, इसलिए जन्मदिन दिन में ही मनाएं .
आज हम मोमबत्ती को जलाकर बुझाते हैं, ज्योत को मुख से फूंकना या उसे बुझाना दोनों ही अशुभ है | इससे हमारे जीवन के अनिष्ट शक्ति के कष्ट बढ़ते हैं और तेज तत्त्व जो हमें तेजस्वी बनाता है उसके स्थान पर हम तमोगुणी बनाने का प्रयास करते है |
Vedic Hindu Scripts on Birthday Celebration
जन्म दिन पे हमारे शास्त्र क्या कहते है:
हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार यदि हम अपना जन्मदिन मनाएं तो हमारे शास्त्रों के अनुसार जन्मदिन के दिन कुछ कार्य ऐसे हैं
जिन्हें करना शास्त्रों में अच्छा नहीं माना गया है। जैसे :-
किसी चीज को काटना एक विध्वंशक कृति है परन्तु हम केक काटते हैं और अन्नपूर्ण मां की अवकृपा उस शुभ दिवस में प्राप्त करते हैं जबकि हमें इस दिन दरिद्र, अनाथ या संत जन को अन्नदान करना चाहिए जिससे हम पर अन्नपूर्ण माँ की कृपा बनी रहे और घर पर खीर, हलवा जैसा भोग कुलदेवी को चढ़ाकर ग्रहण करना चाहिए और बांटना चाहिए |
जन्मदिन पर नाखून एवं बाल काटना, वाहन से यात्रा करना, कलह, हिंसाकर्म, अभक्ष्यभक्षण (न खाने योग्य पदार्थ खाना), अपेयपान (न पीने योग्य पदार्थ पीना), स्त्रीसंपर्क से प्रयत्नपूर्वक बचना चाहिए। इसी तरह दीपक का बुझना आकस्मिक मृत्यु, अर्थात् अपमृत्युसे संबंधित है। इसे अशुभ माना गया है। इसीलिए मोमबत्ती जलाकर जन्मदिन नहीं मनाना चाहिए।
कई लोग इस दिन इतना शराब पी लेते है की मौज मस्ती में अपना जीवन ही खो देते है, इन सब राक्षसी विधियों से बचे। यही कारण है, विदेश में जन्म दिवस के दिन ही मरनेवालों की संख्या ज्यादा है और वो मुर्ख समझते है कि वो ख़ुशी से मरा है, और यही भ्रम फैलाते है की अच्छी मौत मिली है उस नशेड़ी को – वाह रे आधुनिकता का घटियापन. नशे में खोये हुए को क्या होश… क्या आनंद है… क्या आनंद का मार्ग है, वो तो अपने को संभल नहीं पाता और ज्यादा पीने से या गाडी के एक्सीडेंट से मर जाता है |
साथ ही ये कलियुग का प्रभाव है की आज बड़े लोग अपने धन के मद में जुआ, शराब , डिस्को आदि को अपनी शानोसौकत मानते है , उन्हें ये नहीं पता की एक दिन उनकी पीढ़ियों को पानी देने वाला भी कोई नहीं होगा | हिंदुत्व यह विश्ववासियो की पहचान है, सैकड़ो वर्ष पूर्व – सभी हिन्दू ही थे और सभी जन्म लेनेवाले हिन्दू ही है. सुन्नत और बपतिस्मा जन्म लेने के बाद किया जाता है. अपने मूल को पहचाने और सनातन धर्म का सही से पालन करे.
Please use these tools; to calculate tithi and knowing dates of Hindu Samvat.
Its up to us to save the legacy of Hindutva and Hinduism and make this world a peaceful place again like it was when Bharatvarsh was in original form.
I was searching through on “year of birth” for “ancient personalities” but in all instances it was “derived” though the planet position and nakshatra etc. for such personalities was mentioned in few instances.
Question is – Any reason why year is not documented ? OR if it is documented then can you point me to that source with examples of dieties where it is mentioned.
Please also post an article about that why birthday celebrations acc. to Hindu calendar is more scientific in relation to earth’s revolution than Gregorian calendar.
South India doesn’t speak hindi!but we are also Hindus.
Radhe Radhe Kaarthik ji
We all are brothers and sisters. You are free to share posts written by you in any Indian language and we will post it here, provided it covers appropriate details about our Hindu culture, and unites us.
Jai Shree Krishn
maine apna dono birthday tithi n dinaank wala manati hu….Mandir jati hu n western tarika kabhi follow nahi karti..,,,,n diya bhi jalati hu…..
Radhe Radhe Swati Ji,
You should celebrate your birthday based on the date that is shown in Hindu calendar.
Jai Shree Krishn